चीन में अप्रैल 2013 के शुरुआत में ही नेतृत्व में बदलाव हुआ और
उसी माह में चीन ने एक बड़ा घुसपैठ अपने पडोसी भारत के सरजमी पर किया | भारत जो
की एक उभरता हुआ विश्व शक्ति है और बहुत साल पहले से ही ये मांग की जा रही थी की भारत
को अब विश्व स्तर पर एक अहम भूमिका निभाना चाहिए । एक देश जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ
की सुरक्षा परिषद् में स्थायी सीट मिलते मिलते रह गया वो भी चीन की वजह
से वो चीन ही था जिसने भारत का विरोध किया था ये कहते हुए की खुद भारत में ही एक बिना
रीढ़ की सरकार है और उसे विश्व स्तर पर इतनी बड़ी भूमिका नहीं दी जा सकती |
कुछ साल पहले मैंने कही पढ़ा था की चीन भारत को सबक सिखाना चाहता है
और और वो एक बड़ा सैनिक अभियान करके
भारत के बड़े भू भाग पर कब्ज़ा कर सकता है और फिर समझौते के मेज पर वो कुछ शर्मनाक शर्ते थोप सकता है और भारत में
ये मांग उठी की एक सेना की डिविजन बने जाये जो उत्तर पूर्व में ही रहे लेकिन सरकार
ने बजट का रोना लेके इस मसले को ठंढे बस्ते में डाल दिया।
आखिर वही हुआ जिसका डर था चीन ने बिना एक गोली चलाये ही कुछ मीटर नहीं
बल्कि 20 किलोमीटर भारत के अंदरूनी हिस्से में आ गया और खुल्लम खुल्ला भारत को चुनौती
दे दी की जो करना है करो लो, भारत 1998 में ही परमाणु संपन्न हो गया था अग्नि, पृथ्वी
और भी कई तरह के मिसाइल है और लाखो सैनिक जो की बस एक इशारे पर ही अपने देश
के लिए अपनी जान देने को तैयार है, लेकिन हमारे पास एक सक्षम नेतृत्व, राजनितिक
ताकत और देशभक्ति की भावना की कमी है
चीन ने हमारी औकात हमें
दिखा दी है की अभी हम किस स्तर पर है, हमारे नेता जो की अव्वल दर्जे के कायर
है अब कहते फिर रहे है की अगर चीन ने ये सब नहीं किया होता तो हम चीन के दौरे पर जाते
अरे तुम अगर चीन जाते भी तो कौन तुम्हारी परवाह करता क्या किसी को लगता है की भारत
के जो भी राजनयिक चीन के दौरे पर जायेंगे तो चीन इन्हें थोडा सा भी भाव देता होगा कुत्ते
की तरह इनसे व्यवहार किया जाता होगा
चीन बस ये पुरे दुनिया
को दिखाना चाहता है की भारत जो की अपने ही सरजमीं की ही सुरक्षा नहीं कर पाया वो क्या
खाक विश्व स्तर पर एक बड़ी भूमिका निभाएगा, चीन ने ये साबित कर दिया की भारत में
अभी नपुंसक सरकार है और चीन अच्छी तरह से जानता है की भारत के भ्रष्ट नेता देश को लूटने
और अपना माल बनाने में व्यस्त है उन्हें जरा सा भी इस बात की फ़िक्र नहीं है की भारत
के सरजमीं पर चीन ने घुसपैठ किया है और भारतीय मिडिया नए रिलीज हुए फिल्मो और उनकी
मसालेदार खबरों , आईपीएल और फैशन शो में ही व्यस्त है क्या भारतीय मिडिया ने कभी ईमानदारी
के साथ चीन के घुसपैठ को दिखाया है ।
अभी असली कहानी तो बाकि
है चीन अभी हमारी ताकत और जूझने की क्षमता देख रहा है की हम कितना तैयार है उसकी इस घुसपैठ को लेते
है, हमारे नेता क्या प्रतिक्रिया देते है, चीन की तो असली मंशा पुरे जम्मू कश्मीर को
पाकिस्तान को तोहफे में देने की है जैसा पाकिस्तान ने चीन को गुलाम कश्मीर का एक हिस्सा
तोहफे में दिया था समय हमारे हाथ से निकलता जा रहा है "अभी नहीं तो कभी नहीं"
वाली स्थिति है युद्ध का पक्ष कोई नहीं लेता लेकिन जब देश संप्रभुता पर आंच आये तो
हमें कायरता से बाहर आके इसका मुहतोड़ जवाब देना चाहिए और पूरी दुनिया को दिखा देना
चाहिए की जब बात हमारी आजादी की हो तो हम भी किसी से कम नहीं
सबसे बड़ी शर्म तो देश के नेताओ और मिडिया को करना चाहिए, मिडिया
जो कि 24 घंटे
ड्रामा और बकवास करते रहती है अपना एक ओब वैन उस हॉस्पिटल के सामने खड़ा किया था
जब ऐश्वर्य रॉय उस हॉस्पिटल में थी लेकिन एक भी रिपोर्टर लद्दाख में नहीं
भेजा देश लुट रहा है और ये नेता और मीडिया एक जोंक की तरह देश का खून चूसने
में लगे है, ये नीच देश को एक धरती को टुकड़ा मानते है वो दिन दूर नहीं जब उनके
पाँव के निचे वो जमीं नहीं रहेगी तब ये इनको अहसास होगा की नहीं हमने गलती किया है
और अफ़सोस जताने के लिए इनके पास समय नहीं होगा ।
देश को आज स्वच्छ और निर्भय हृदय की जरुरत है आज हमें गुरु गोबिंद
सिंह जी जैसा योद्धा चाहिए जिन्होंने अपनी और अपने
परिवार की परवाह किये बिना शक्तिशाली मुगलों से टक्कर लिया और उन्होंने अपना सब
कुछ लुटा कर भी अपने धर्म और देश की रक्षा की ।
दोस्तों ये कठिन घडी है या तो कुछ करो नहीं तो शर्मनाक जिन्दगी
जिओ !!! (अनुवादित )