कर्मयोगी भगवान श्रीकृष्ण के संसार को दिए प्रेम और भक्ति के संदेश से एक मुस्लिम युवक इतना प्रभावित हुआ कि वह कृष्ण की भक्ति में लीन हो गया। अब वह पांचों वक्त की नमाज अदा करने के साथ ही भगवान कृष्ण की पूजा आराधना भी करता है।
बिहार के सिबान के मूल निवासी मोहम्मद इकराम खान साऊदी अरब की शिपिंग कंपनी में नौकरी करते हैं। भागवताचार्य श्यामसुंदर पाराशर के शिष्य बन चुके मोहम्मद इकराम चैतन्य विहार कालोनी स्थित राधा माधव दिव्यदेश में चल रही भागवत कथा सुनने साऊदी अरब से आए हैं।
उन्होंने बताया कि लगभग छह वर्ष पूर्व वह वृंदावन आए और रमणरेती स्थित एक आश्रम में ठहरे। यहां उन्होंने भागवत कथा सुनी और भगवान कृष्ण के चरित्र को जाना। इसके बाद वह चार पांच बार वृंदावन आए और भागवत कथा सुनी। तभी से भगवान कृष्ण द्वारा संसार को दिए प्रेम और कर्म के संदेश से वह इतने प्रभावित हुए कि हर दिन सुबह नमाज के साथ भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं।
मोहम्मद इकराम कहते हैं कि धर्म कोई हो, वह भक्ति और भाईचारा सिखाता है न कि खून खराबा। उन्होंने कहा कि हर मुसलमान मांस नहीं खाता। गोमांस पर हो रहे विवाद से आहत मोहम्मद इकराम ने कहा कि यह राजनेताओं द्वारा वोटों की खातिर पैदा किया गया ऐसा मुद्दा है जो देश के अमन चैन और भाईचारे के लिए नुकसान देह है।
देश में हर बात को सांप्रदायिकता का रंग देने की प्रवृति पर भी उन्होंने अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि युवा जब तक अपने धर्म की मूल भावना और आस्था के महत्व को नहीं समझेगा तब तक भटकाव और बिखराव के हालात बनते रहेंगे।
स्रोत: अमर उजाला
बिहार के सिबान के मूल निवासी मोहम्मद इकराम खान साऊदी अरब की शिपिंग कंपनी में नौकरी करते हैं। भागवताचार्य श्यामसुंदर पाराशर के शिष्य बन चुके मोहम्मद इकराम चैतन्य विहार कालोनी स्थित राधा माधव दिव्यदेश में चल रही भागवत कथा सुनने साऊदी अरब से आए हैं।
उन्होंने बताया कि लगभग छह वर्ष पूर्व वह वृंदावन आए और रमणरेती स्थित एक आश्रम में ठहरे। यहां उन्होंने भागवत कथा सुनी और भगवान कृष्ण के चरित्र को जाना। इसके बाद वह चार पांच बार वृंदावन आए और भागवत कथा सुनी। तभी से भगवान कृष्ण द्वारा संसार को दिए प्रेम और कर्म के संदेश से वह इतने प्रभावित हुए कि हर दिन सुबह नमाज के साथ भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं।
मोहम्मद इकराम कहते हैं कि धर्म कोई हो, वह भक्ति और भाईचारा सिखाता है न कि खून खराबा। उन्होंने कहा कि हर मुसलमान मांस नहीं खाता। गोमांस पर हो रहे विवाद से आहत मोहम्मद इकराम ने कहा कि यह राजनेताओं द्वारा वोटों की खातिर पैदा किया गया ऐसा मुद्दा है जो देश के अमन चैन और भाईचारे के लिए नुकसान देह है।
देश में हर बात को सांप्रदायिकता का रंग देने की प्रवृति पर भी उन्होंने अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि युवा जब तक अपने धर्म की मूल भावना और आस्था के महत्व को नहीं समझेगा तब तक भटकाव और बिखराव के हालात बनते रहेंगे।
स्रोत: अमर उजाला
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