कृपया इस पोस्ट की अमूल्य जानकारी को पूरा पढ़ लें ये जानकारी आपको शायद नहीं होगी
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मोतीलाल नेहरू जो इलाहबाद के जाने माने वकील थे और एक अच्छा पैसा कमाते थे वकालत में होती कमाई देखकर उन्होंने अपने बेटे जवाहर को जिन्हें वकालत में दिलचसबि नहीं थे वकालत की पढाई करवाई और वकील बनवाया
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मोतीलाल वकील के साथ नेता भी थे तो अक्सर इलाहबाद से बाहर जाते थे तो बेटे जवाहर के कामो पर ज्यादा नजर नहीं रख पाते थे, जवाहर ने जब वकालत पूरी की तो मोतीलाल ने उनको चैम्बर जाने तथा वकालत करने को कहा जब बहुत दिनों बाद मोतीलाल वापस इलाहबाद आये तो उन्हें पता चला की बेटा जवाहर चैम्बर नहीं जाता और कोई काम नहीं करता, कोई वकालत और आर्गुमेंट नहीं करता
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इस बात पर घर में मोतीलाल ने बेटे से कहा , तू चैम्बर क्यों नहीं जाता,काम क्यों नहीं करता इसपर जवाहर ने कहा की , मुझे कुछ समझ नहीं आता, मुझे आर्गुमेंट करना नहीं आता तो मोतीलाल ने गुस्से में कहा की फिर खायेगा कैसे, आज का खाना मत खा, घर से चला जा किसी दिन बीच में उस समय के और और नेता ब्रह्मचारी ,मोतीलाल से मिलने इलाहबाद पहुचे उन्होंने मोतीलाल से कहा, जवाहर दिख नहीं रहा इसपर मोतीलाल ने कहा की वो आवारा है, कुछ करता नहीं, यहाँ वहां घूमता रहता था ये बात ब्रह्मचारी ने गांधी को बताई
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गांधी ने बेरोजगार जवाहर को बुलाया और समझाया की तुम वकालत करो इसपर जवाहर ने गांधी को फिर कहा की मुझे कुछ समझ नहीं आता वकालत का गांधी समझ गए की जवाहर वकालत का काम नहीं कर सकता
तो गांधी ने जवाहर से कहा की तुमको कांग्रेस का जनरल सेकेरट्री बना देते है तुमको पद भी मिल जायेगा
और पार्टी फण्ड में से तनख्वाह भी मिलेगी, तो पिता मोतीलाल कुछ नहीं कहेंगे और बाद में मोतीलाल नेहरु ने कांग्रेस को एक मोती राशि दी ताकि उसी पैसे के दम पर लोग जवाहरलाल की बातो को माने
जवाहर ने ये बात मान ली, और एक बेरोजगार सीधे कांग्रेस का जनरल सेकेरट्री बन गया
जवाहर लाल नेहरू, इस से खुश होकर पूरी तरह गांधी के हिमायती बन गए देखते देखते भारत आज़ाद हुआ, कंग्रेस की कोर टीम बैठी जिसमे 15 लोग थे उनको फैसला करना था की प्रधानमंत्री कौन बनेगा, जवाहर लाल नेहरू या वल्लभभाई पटेल 13 लोगो ने पटेल का साथ दिया ,परंतु गांधी ने अपने चमचे या यूं कहें हिमायती नेहरू को रबर स्टाम्प की तरह प्रधानमंत्री बना दिया
ये है पूरी कहानी एक बेरोजगार वकील से कांग्रेस के जनरल सेकेरट्री और फिर देश का
प्रधानमंत्री बने जवाहरलाल नेहरू की और उनके पिता द्वारा उनको डांट की ये जानकारी किसी हीरे से भी अधिक कीमती है शेयर करके देश को बताएं, और ऐसे इतिहास की अमूल्य जानकारियों के लिए दैनिक भारत से जुड़ें
जय हिन्द
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मोतीलाल नेहरू जो इलाहबाद के जाने माने वकील थे और एक अच्छा पैसा कमाते थे वकालत में होती कमाई देखकर उन्होंने अपने बेटे जवाहर को जिन्हें वकालत में दिलचसबि नहीं थे वकालत की पढाई करवाई और वकील बनवाया
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मोतीलाल वकील के साथ नेता भी थे तो अक्सर इलाहबाद से बाहर जाते थे तो बेटे जवाहर के कामो पर ज्यादा नजर नहीं रख पाते थे, जवाहर ने जब वकालत पूरी की तो मोतीलाल ने उनको चैम्बर जाने तथा वकालत करने को कहा जब बहुत दिनों बाद मोतीलाल वापस इलाहबाद आये तो उन्हें पता चला की बेटा जवाहर चैम्बर नहीं जाता और कोई काम नहीं करता, कोई वकालत और आर्गुमेंट नहीं करता
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इस बात पर घर में मोतीलाल ने बेटे से कहा , तू चैम्बर क्यों नहीं जाता,काम क्यों नहीं करता इसपर जवाहर ने कहा की , मुझे कुछ समझ नहीं आता, मुझे आर्गुमेंट करना नहीं आता तो मोतीलाल ने गुस्से में कहा की फिर खायेगा कैसे, आज का खाना मत खा, घर से चला जा किसी दिन बीच में उस समय के और और नेता ब्रह्मचारी ,मोतीलाल से मिलने इलाहबाद पहुचे उन्होंने मोतीलाल से कहा, जवाहर दिख नहीं रहा इसपर मोतीलाल ने कहा की वो आवारा है, कुछ करता नहीं, यहाँ वहां घूमता रहता था ये बात ब्रह्मचारी ने गांधी को बताई
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गांधी ने बेरोजगार जवाहर को बुलाया और समझाया की तुम वकालत करो इसपर जवाहर ने गांधी को फिर कहा की मुझे कुछ समझ नहीं आता वकालत का गांधी समझ गए की जवाहर वकालत का काम नहीं कर सकता
तो गांधी ने जवाहर से कहा की तुमको कांग्रेस का जनरल सेकेरट्री बना देते है तुमको पद भी मिल जायेगा
और पार्टी फण्ड में से तनख्वाह भी मिलेगी, तो पिता मोतीलाल कुछ नहीं कहेंगे और बाद में मोतीलाल नेहरु ने कांग्रेस को एक मोती राशि दी ताकि उसी पैसे के दम पर लोग जवाहरलाल की बातो को माने
जवाहर ने ये बात मान ली, और एक बेरोजगार सीधे कांग्रेस का जनरल सेकेरट्री बन गया
जवाहर लाल नेहरू, इस से खुश होकर पूरी तरह गांधी के हिमायती बन गए देखते देखते भारत आज़ाद हुआ, कंग्रेस की कोर टीम बैठी जिसमे 15 लोग थे उनको फैसला करना था की प्रधानमंत्री कौन बनेगा, जवाहर लाल नेहरू या वल्लभभाई पटेल 13 लोगो ने पटेल का साथ दिया ,परंतु गांधी ने अपने चमचे या यूं कहें हिमायती नेहरू को रबर स्टाम्प की तरह प्रधानमंत्री बना दिया
ये है पूरी कहानी एक बेरोजगार वकील से कांग्रेस के जनरल सेकेरट्री और फिर देश का
प्रधानमंत्री बने जवाहरलाल नेहरू की और उनके पिता द्वारा उनको डांट की ये जानकारी किसी हीरे से भी अधिक कीमती है शेयर करके देश को बताएं, और ऐसे इतिहास की अमूल्य जानकारियों के लिए दैनिक भारत से जुड़ें
जय हिन्द
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