यूरोप हजारों पाकिस्तानी प्रवासियों को अपने देशों से निकालने की योजना बना
रहा है। सोमवार को एक सीनियर रायनयिक ने कहा कि ऐसा वैध शरणार्थियों को
जगह और संसाधन देने के लिए किया जा रहा है। पलायन, होम अफेयर्स और नागरिकता
से जुड़े यूरोपीयन कमिश्नर दिमित्रीज अवरामोपॉलस ने पाकिस्तान दौरे में
शरणार्थियों के संकट पर यह बात कही। हालांकि हाल में सीरियाई और अफगानी
शरणार्थी बड़ी संख्या में यूरोप पहुंचे हैं। पाकिस्तानी भी यूरोप में शरण
चाहते हैं। उन्होंने कहा कि शरणार्थियों के कारण यूरोप में तनाव की स्थिति
है। दिमित्री ने कहा कि इस साल 760,000 प्रवासी यूरोप पहुंचे हैं।
हालांकि पाकिस्तान अपेक्षाकृत इस्लामिक आतंकवाद के मामले में थोड़ा स्थिर है। आधिकारिक रूप से बताया गया है कि 20 पर्सेंट से कम पाकिस्तानियों को यूरोप में शरण मिली हुई है। बताया जा रहा है कि ये सभी अवैध रूप से यहां पहुंचे हैं। दिमित्री ने कहा कि पाकिस्तानी राजनीतिक शरणार्थी के योग्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में लोकतांत्रिक प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान वैसा देश नहीं है जहां नागरिकों को प्रताड़ित किया जा रहा है। पाकिस्तान में विकास के काम हुए हैं।
यहां तक कि इस साल शरणार्थी संकट के कारण करीब 168,000 अवैध पाकिस्तानी प्रवासियों को 28 देशों वाला यूरोपीय यूनियन ने निकल जाने का आदेश दिया था। ये सभी 2008 से 2004 के बीच आए थे। लेकिन फ्लाइट्स के अभाव और नौकरशाही देरी के कारण केवल 55,750 पाकिस्तानियों को ही यूरोप से निकाला जा सका। दिमित्री की यात्रा से पहले पाकिस्तानियों को स्वदेश भेजने में काफी दिक्कतों का साामना करना पड़ा रहा था। पिछले हफ्ते पाकिस्तानी गृह मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तानी एयरलाइंस लंबे समय तक लोगों को वापस लाने में सक्षम नहीं है।
अन्य शिकायतों के अलावा पाकिस्तानी गृह मंत्री चौधरी अली खान निसार ने कहा कि यूरोपीय यूनियन के देश उन लोगों की राष्ट्रीयता नहीं बता रहे जिन्हें भेजा जा चुका है। खान इसलिए भी नाराज हैं क्योंकि कुछ वैसे पाकिस्तानियों को भी गलत तरीके से आतंकियों से संबंध को लेकर संदिग्ध बता पाकिस्तान भेज दिया गया। उन्होंने शनिवार को कहा कि यह पाकिस्तानियों और मानवता को अपमानित करने जैसा है। खान ने कहा कि प्रवासियों को उनके गृह देश के बजाय पाकिस्तान भेजा जा रहा है।
खान ने कहा कि हम पाकिस्तानी नागरिक के नाम पर अफगानी, बांग्लादेशी, बर्मन और भारतीयों को स्वीकार नहीं करेंगे। खान ने कहा कि इन्होंने रिश्वत देकर फर्जी दस्तावेज बनाए हैं। लेकिन दिमित्री ने अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान खान के साथ भी बैठक की। इसके बाद से दोनों देशों की बीच एक किस्म की सहमति बनी है। दोनों पक्ष पाकिस्तानी नागरिक की वापसी पर सहमत हो गए हैं।
हालांकि यूरोपीय यूनियन के अधिकारी दोनों नेताओं के बीच बनी सहमति से बहुत खुश नहीं हैं क्योंकि यह समझौता वैध पाकिस्तानी प्रवासियों पर लागू नहीं होगा। यूरोपीयन देशों ने स्वीकार किया है कि 50,000 पाकिस्तानियों के हर साल परिवार वालों से मिलने, गेस्ट वर्कर प्रोग्राम्स, उच्च शिक्षा और अन्य तरह के अनुरोध आते हैं। दिमित्री ने कहा कि अब इस तरह के आवेदन पाकिस्तान में होने चाहिए।
हालांकि पाकिस्तान अपेक्षाकृत इस्लामिक आतंकवाद के मामले में थोड़ा स्थिर है। आधिकारिक रूप से बताया गया है कि 20 पर्सेंट से कम पाकिस्तानियों को यूरोप में शरण मिली हुई है। बताया जा रहा है कि ये सभी अवैध रूप से यहां पहुंचे हैं। दिमित्री ने कहा कि पाकिस्तानी राजनीतिक शरणार्थी के योग्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में लोकतांत्रिक प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान वैसा देश नहीं है जहां नागरिकों को प्रताड़ित किया जा रहा है। पाकिस्तान में विकास के काम हुए हैं।
यहां तक कि इस साल शरणार्थी संकट के कारण करीब 168,000 अवैध पाकिस्तानी प्रवासियों को 28 देशों वाला यूरोपीय यूनियन ने निकल जाने का आदेश दिया था। ये सभी 2008 से 2004 के बीच आए थे। लेकिन फ्लाइट्स के अभाव और नौकरशाही देरी के कारण केवल 55,750 पाकिस्तानियों को ही यूरोप से निकाला जा सका। दिमित्री की यात्रा से पहले पाकिस्तानियों को स्वदेश भेजने में काफी दिक्कतों का साामना करना पड़ा रहा था। पिछले हफ्ते पाकिस्तानी गृह मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तानी एयरलाइंस लंबे समय तक लोगों को वापस लाने में सक्षम नहीं है।
अन्य शिकायतों के अलावा पाकिस्तानी गृह मंत्री चौधरी अली खान निसार ने कहा कि यूरोपीय यूनियन के देश उन लोगों की राष्ट्रीयता नहीं बता रहे जिन्हें भेजा जा चुका है। खान इसलिए भी नाराज हैं क्योंकि कुछ वैसे पाकिस्तानियों को भी गलत तरीके से आतंकियों से संबंध को लेकर संदिग्ध बता पाकिस्तान भेज दिया गया। उन्होंने शनिवार को कहा कि यह पाकिस्तानियों और मानवता को अपमानित करने जैसा है। खान ने कहा कि प्रवासियों को उनके गृह देश के बजाय पाकिस्तान भेजा जा रहा है।
खान ने कहा कि हम पाकिस्तानी नागरिक के नाम पर अफगानी, बांग्लादेशी, बर्मन और भारतीयों को स्वीकार नहीं करेंगे। खान ने कहा कि इन्होंने रिश्वत देकर फर्जी दस्तावेज बनाए हैं। लेकिन दिमित्री ने अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान खान के साथ भी बैठक की। इसके बाद से दोनों देशों की बीच एक किस्म की सहमति बनी है। दोनों पक्ष पाकिस्तानी नागरिक की वापसी पर सहमत हो गए हैं।
हालांकि यूरोपीय यूनियन के अधिकारी दोनों नेताओं के बीच बनी सहमति से बहुत खुश नहीं हैं क्योंकि यह समझौता वैध पाकिस्तानी प्रवासियों पर लागू नहीं होगा। यूरोपीयन देशों ने स्वीकार किया है कि 50,000 पाकिस्तानियों के हर साल परिवार वालों से मिलने, गेस्ट वर्कर प्रोग्राम्स, उच्च शिक्षा और अन्य तरह के अनुरोध आते हैं। दिमित्री ने कहा कि अब इस तरह के आवेदन पाकिस्तान में होने चाहिए।
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