पूरी दुनिया के मुसलमानों
के लिए भारत में तबाही मचाते भारत के मुसलमान म्यामांर के रोहिंग्या मुसलमानों से सबक ले सकते है, बहुत
समय पहले बांग्लादेश के कुछ मुसलमान जाके म्यांमार बस गए | शांतिप्रिय बौद्ध लोगो ने इस शरणार्थी समूह को अपनाने लगा और पूरी तरह
इन्हें वह आजादी मिल गयी और कुछ दशको बाद इनकी आबादी भी बढ़ी और फिर इन्होने
दिखलाया अपना शांति प्रिय धर्म का कमाल और फिर लगे फ़ैलाने म्यांमार में शांतिप्रिय
और पवित्र किताब की बाते| परिणाम आये दिन झगडे, दंगा, मार काट रोज की बाते होने
लगी.
इसी बीच वह का शासन सेना के
हाथो में चला गया और फिर सैन्य सरकार का ध्यान इन शांतिप्रिय लोगो पर पड़ी और सरकार
ने इनके साथ सख्ती दिखाना शुरू किया तो शांतिप्रिय लोग सरकार के साथ भी लड़ने लगे,
जिस देश ने उन्हें शरण दिया, रोजगार के मौके दिए उसी देश में आग लगाने में इन्होने
जरा सा भी देर नहीं की. उसके बाद सैन्य सरकार ने अपने देश में रहने वाले रोहिंग्या मुसलमानो को अपना नागरिक
मानने से इंकार कर दिया है और उनका भयंकर कत्लेआम हुआ, क्योकि पहले रोहिंगाया
मुस्लिमो ने कई सालो तक म्यांमार में आतंक मचाया खूब कत्लेआम किया क्योकि उन्हें
पता था की बौद्ध लोग शांतिप्रेमी और अहिंसक होते है| लेकिन जब वहां की सैन्य सरकार
की खोपड़ी घूम गयी तब उसके इस पुरे समुदाय
के कत्लेआम का छुपा आदेश जारी कर दिया|
फिर बौधो ने पुरे
देश से इस शांतिप्रिय सम्प्रदाय के लोगो को खदेड़ना शुरू किया बहुत मारे गए और पिछले
दो महीने से चार बोट में करीब ५०० रोहिंग्या मुस्लिम समुद्र में इधर उधर भटक रहे
है .. ये पहले बांग्लादेश गये सोचे यहाँ तो इस्लामिक सरकार है शरण दे देगी लेकिन
बांग्लादेश सरकार ने इंकार कर दिया .. फिर ये दुसरे मुस्लिम देश मलेशिया गये ..
वहां की नौसेना ने भी इन्हें खदेड़ दिया .. फिर ये विश्व के सबसे ज्यादा मुस्लिम
आबादी वाले देश इंडोनेशिया गये .. वहां की सरकार ने भी इन्हें शरण की अनुमति नही
दी और दो दिनों तक लंगर लगाने के बाद वहाँ की नौसेना ने इन्हें खदेड़ दिया .. फिर
ये थाईलैंड गये वहाँ भी इन्हें अनुमति नही मिली ... ये लोग अपना पेशाब पीकर जिन्दा
है ..और अब तक करीब २१ लोगो की मृत्य हो चुकी है .. कल अलजजीरा पर दिखाया की ये
अपने लोगो के मृत शरीरो को खाकर जिन्दा है ... इसमें कई बच्चे और महिलाये है.
इन्होने इस्लाम
के जनक देश सऊदी अरब से भी इस्लाम और मानवता की खातिर शरण देने की अपील की लेकिन
सऊदी अरब सरकार ने इन्हें सीधा मना ही नही किया बल्कि चेतावनी दिया की यदि ये सऊदी
समुद्री सीमा में आये तो इन्हें खदेड़ दिया जायेगा ..या इनकी नौकाये डूबा दी जाएगी
आज भी ये साउथ
अंडमान समुद्र में अन्तर्राष्ट्रीय जल क्षेत्र में पड़े है ... कल जब दया करके
थाईलैंड की सेना ने इनके नौकाओ पर खाने के पैकेट और पानी की बोतले गिराई तो कुछ
पैकेट समुद्र में गिर गये .. इन लोगो ने अपनी जान की परवाह किये बगैर उन्हें उठाने
के लिए उफनते समुद्र में छलांग लगा दी
कल एक मुस्लिम
सांसदों और तबलीग जमात के लोगो का एक दल राजनाथसिंह से मिलकर इन्हें भारत में
मानवता के आधार पर शरण देने की मांग किया ... बस डर इस बात से है की कही भारत
सरकार वोट बैंक के जाल में फंसकर इन्हें अपने यहाँ शरण न दे दे
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