Tuesday, January 6, 2015

भारत का उन्नत समाज और विश्व भाग -1

भारतवर्ष को जी भर के लुटने के बाद बाहर के लुटेरो का मन नहीं भरा तो उन्होंने भारत के इतिहास के साथ जबरदस्त छेड़छाड़ किया, ताकि वो भारतवर्ष पर जी भर के शासन कर सके l मुस्लिम शासको ने जहा भारत में धन और पद का लालच के साथ जान से मारने की धमकी के साथ हमारे उपर शासन किया लेकिन उन्होंने भारत के शूरवीरो का मनोबल तोड़ने में विफल रहे क्यूंकि पुरे भारत में उनका शासन स्थापित नहीं हो पाया था उस समय इस्लाम की आंधी पुरे एशिया को अपने कब्जे में ले चुकी थी बस उत्तर-पूर्व में बसे जापान और चीन ही इस आंधी से बचे थे बाकि भारत के पूर्व में बसे इंडोनेशिया और मलेशिया जो की भारत की तरह हिन्दू-बौद्ध धर्म के अनुयायी थे वो पुरे तरह इस्लाम अपना चुके थे लेकिन बस पूण्य भूमि भारत अभी भी इस्लाम को स्वीकार करना दूर उसे अभी भी संघर्ष कर रहा था लगभग 1000 सालो के शासन के बावजूद भारत कभी भी इस्लाम को अंगीकार नहीं कर सका था बस कुछ बुजदिल लोग जो धन और जान के डर से पश्चिम की ओर मुह करके अपने पिछवाड़े को पूर्व की ओर करना सिख गए थे लेकिन फिर भी भारत की मुख्यधारा हिंदुत्व का कोई जवाब नहीं खोज सके l

औरंगजेब के पतन के साथ ही भारतवर्ष पर अंग्रेजो ने अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरू कर दी थी क्यूंकि औरंगजेब  अपने पूर्वजो की सलाह के बावजूद वो गलती कर बैठा जो मुग़ल सल्तनत के बाकि बादशाहों ने कभी नहीं किया, औरंगजेब जो की जिन्दा पीर के नाम से मशहूर था उसने समाज में हिन्दू बहुल समाज से दुश्मनी मोल ले लिया और हिन्दुओ का जी भर के दमन किया और उसका फल उसे बहुत जल्दी मिला जब हिन्दू सम्राट शिवाजी महाराज और पश्चिम भारत में सिख साम्राज्य ने उसे कभी भी चैन की सांस नहीं लेने दिया और उसे मरते समय भी कभी चैन नहीं आया और दक्षिण भारत के एक अभियान में उसने अपने अंतिम सांस लिया यह कहना गलत नहीं  होगा की औरंगजेब ने ही भारत में मुग़ल साम्राज्य के लिए ताबूत तैयार किया था जो उसने हिन्दुओ से दुश्मनी मोल ली थी उसके बाकि के पूर्वजो ने हिन्दुओ के दुशमनी के साथ दोस्ती और रिश्ते भी स्थापित करी थी लेकिन जिन्दा पीर बनने की चाहत ने औरंगजेब की हालत ऐसी कर दी की बाद के मुग़ल शासक बस इतना कमजोर बन गए की वो अपनी इज्जत भी न बचा सके उनके सेनानायक समेत उनके वजीरो ने उनकी हालत इतनी कमजोर कर दी की वो आखिर में आधुनिक भारत में अभी भी मुगलों के वंशज चाय बेचते है या फिर भुखमरी के कगार पर है ...... बाकि  का लेख अगले अंक में


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