Sunday, May 3, 2015

भारत महान के दो महान दुश्मन - नेहरू और जिन्ना

भारत महान के दो महान दुश्मन - नेहरू और जिन्ना
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भारत महान के दो दुश्मन रहे हैं - नेहरू और जिन्ना। कहते हैं कि भारत के स्वतन्त्र होने की भनक लगते ही सत्ता लोभियों में प्रधान मंत्री बनने की होड़ लग गयी।
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एक और जिन्ना स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बनकर सत्ता की बागडोर अपने हाथों में लेना चाहते थे और दूसरी और नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बनने का गौरव हासिल करना चाहते थे। इन दोनों ही प्रधानमंत्री पद-लोलुपों ने भारत देश को हिंसा और नफरत की आग में झोंक दिया। सम्पूर्ण भारत के विभाजन का अमिट कलंक भी इन्हीं दोनों नेताओं के माथे पर लग गया।
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यदि जिन्ना प्रथम प्रधानमंत्री बनना चाहते थे तो बनने देते और अगले पाँच वर्ष बाद नेहरू प्रधानमंत्री बन जाते तो क्या हानि होती ?
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कहते हैं कि इस मुद्दे पर दोनों प्रधानमंत्री पद-लोलुप किसी भी कीमत पर राज़ी नहीं हुए और अंततः धर्म आधारित भारत महान के बटवारे का फैसला लिया गया जिसके परिणाम में मुस्लिम धर्म आधारित पाकिस्तान का जन्म तो हो गया किन्तु शेष भारत को नहीं हिन्दू-राष्ट्र घोषित करने को नेहरू प्रस्तुत हुए और भारत में छद्म धर्मनिरपेक्ष शासन की व्यवस्था दी गयी जिसके परिणामस्वरूप सब कुछ छद्म ही होता चला गया।
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क्या यह धर्मनिरपेक्षता का फार्मूला भारत के बटवारे से पूर्व किसी देशप्रेमी या राष्ट्रप्रेमी के मन में नहीं आया ? आखिर ऐसा क्यों नहीं हुआ और भारत महान का बटवारा क्यों हुआ धर्म पर आधारित ?
कांग्रेस पार्टी सबसे पहली पार्टी थी जिसने बूथ लूटने की प्रथा की शुरुआत की. बिहार के बेगुसराय में पहली बार ऐसी घटना सामने आई. कांग्रेस को चुनाव जीतने का नया फार्मूला मिल गया. चुनाव के समय गुंड़ों को भाड़े पर लिया जाने लगा. हिंसा और बूथ लूट कर चुनाव जीतने का प्रचलन शुरु हो गया. अस्सी के आखिरी दशक तक इन गुंड़ों को समझ में आ गया कि जब बूथ लूट कर ही चुनाव जीते जा सकते हैं तो वो दूसरों के बजाय खुद के लिए क्यों ने लूटें.. तो इस तरह कांग्रेस की वजह से देश की राजनीति का अपराधीकरण हो गया. गुंडे बदमाश लूटेरे जनप्रतिनिधि बनने लग गए. कई क्षेत्रीय पार्टियों ने इस फार्मूला को अपनाया और नब्बे के दशक में को कमजोर हो गई..
कांग्रेस ने फिर एक नई नीति बनाई. उन्होंनें देश में भर में एनजीओ या गैर-सरकारी संस्थानों को बनाना शुरु किया. इन्हें सरकार और विदेशों से पैसे मिलते रहे. सरकार की तरफ से इन्हें समाज में काम करने की छूट दी गई. कई सरकारी योजनाओं को इनके हवाले कर दिया गया. देश के कई इलाकों में एनजीओ ने जनआंदोलनों का रूप ले लिया. धीरे धीरे एनजीओ ने समाज में अपनी पैठ बना ली और सरकार ने इन्हें ईमान और पुरस्कार देकर इनकी विश्वसनीयता को मजबूत किया. वैसे तो ये राजनीति से दूर रहते थे लेकिन चुनाव के समय ये लोग कांग्रेस पार्टी और उनके साथियों के लिए प्रचार-प्रसार का काम करते रहे.. कांग्रेस के लिए चुनाव जीतना आसान हो गया यही वजह है कि पूरे देश में कांग्रेस खिलाफ महौल होने के बावजूद कांग्रेस चुनाव जीतती रही. यही वजह है कि सोनिया गांधी के नेशलन एडवाइजरी कमीशन के सभी सदस्य एनजीओ चलाने वाले लोग हैं.
अब देश के एनजीओ के यह समझ में आ गया है कि अगर उनकी मेहनत से कांग्रेस चुनाव जीत जाती है तो वो खुद के लिए मेहनत क्यों करें. और स्वयं ही लोकसभा और विधानसभाओं में क्यों न जाएं... आम आदमी पार्टी का इतिहास भी एनजीओ का है.. धीरे धीरे देश के सारे एनजीओ वाले इस पार्टी शामिल होगें... इसी तरह देश की राजनीति का एनजीओकरण हो जाएगा..
कांग्रेस पार्टी की यह त्रासदी है कि यह भस्मासुर पैदा करती है.. पहले अपराधीकरण का खामियाजा कांग्रेस को उठाना पड़ा और अब राजनीति के एनजीओकऱण का नुकसान उठाने वाली है.. यह मान लेना चाहिए कि अगले दस सालों तक कांग्रेस पार्टी का ग्राफ धरातल की ओर अग्रसर रहेगा..
...In Pakistan or bangladesh "there is No BJP/RSS" then why we see/read news daily of Riots/bomb blasts (killing innocent Muslim/Hindu People) whey they behead innocent Girls/kids for little Mistakes? why they (Indian Muslims) are demanding for Sharia law (why they say & bark like dogs that Stop Worship in temples, we'll behead all Hindus)?
even in that nation where Hindus are totally (.5) or 0.009% there also they (Muslims are killing) if there is also BJP/RSS ?
& Only hindus are not problem. the problem is that "Muslims/Traitors" can't be silent ...they like only blood...blood and blood, totally morons.
so Nobody has right to say anything bad about BJP/RSS (RSS is an army without salary and without weapons) they are totally spiritual about GOD, and they help in every tregedy (national Disasters with totally dedication) then how people can blame them only for (speaking the truth)? that they are Saffron terrorists? if They are "Terrorists" then "Taliban" will also Runaway with Their Black BurQa"... But always teasing the "Sleeping Lions is not good for health"...
but Muslims are Happy in (Non Islamic Nations only).. it's da fact. but Still they abuse the motherland...and bark like dogs.
I'm not Talking about (N@tionalist Muslim who are Like Dr. A.P.J Abdul Kalaam, A.R.Rahmaan, Shaheed Veer abdul hameed, Shaheed Ashfaq Ullah khan) but It's d truth. If you (N@TIONALIST Muslims love N@tion, then Support that person who'll save this Nation. I'm not saying that "Na.Mo" or any leader will go to fight on border. but Narendra Modi, is the LAst option Till now...
मत लड़ो आपस में ए हिन्दूऔं नहीं तो बिखर जाओगे |
मौत आने से पहले ही खुद की नज़रों में मर जाओगे ||
हो हिन्दू तो मिसाल बन कर उभरो दुनिया के लिए|
नहीं तो इतिहास के चंद पन्नो में सिमट के रह जाओगे ||
बिखराव या अलगाव तुम्हारा लक्ष्य ना हो |
मिलकर रहो दुनिया में तुम ही तुम नज़र आओगे ||
गुमान है उस १४०० सालो के भीषण संघर्ष का अगर|
बना लो आग खुद को नहीं तो राख में बदल दिए जाओगे ||
गर सबक नहीं लिया तुमने टूटे हुए मंदिरों से कटी हुयी गर्दनो से |
वो दिन बहुत दूर नहीं जब इसाई या मुसलमान बना दिए जाओगे ||
नफरत नहीं फैलाता इतिहास से सबक लेने को कहता हूँ |
तुम अगर गाँधी बने तो हम भी अब गोडसे बन जायेगे ||
दोस्तो हमारे भारत मे ऐसे कई नेता हैं जो गाय का मांस बेच कर अपना धंधा चला रहे हैं ! और भारत मे जो 3600 क्त्लखाने (registered) चल रहे हैं उनमे से 50 से 60 % इन्ही राजनेताओ के हैं ! जिनकी पूंजी से ये काम चल रहा है !
और जब भी संसद मे गौ ह्त्या को रोकने का विषय आता तो ये चिला -चिला कर खड़े हो जाते है कहते हैं गौ ह्त्या रुकनी नहीं चाहिए ! और उसके विचित्र विचित्र कुतर्क करते हैं ! उनमे से एक नेता शरद पवार जो कृषि मंत्री है उसने एक दिन कुतर्क किया कि गाय की ह्त्या अगर हमने रोक दी तो गाय की संख्या इतनी बढ़ जाएगी उसे हमे रखेंगे कहाँ ????????
ये बयान शरद पवार ने दिया !और मुंबई मे दिया ! और प्रेस कान्फ्रेंस मे दिया ! सौभाग्य की बात थी श्री राजीव दीक्षित जी उस दिन मुंबई मे थे और उस press कान्फ्रेंस मे थे ! अगले दिन राजीव भाई वो बयान की copy लेकर चले गए शरद पवार से मिलने !!
राजीव भाई ने पवार से कहा कि आपने बयान दिया है कि अगर गाय को हमने बचा लिया तो इनकी संख्या इतनी बढ़ जाएगी इन्हे रखेंगे कहाँ ?
श्री राजीव भाई ने कहा आप क्यूँ परेशान है ? आपके घर मे रखने नहीं आ रहे हम ! इतना तो पक्का है
और अगर आपकी बुद्धि इतना की काम करती है कि गाय को बचाने से उसकी संख्या बढ़ जाएगी तो ये तर्क मनुष्य पर भी लागू होना चाहिए ! सीधे सीधे से लागू होता है कि मनुष्यो को क्यूँ बचाया जाये ??? इनकी संख्या बढ़ जाएगी ! तो इसका मतलब मनुष्य की संख्या कम करने के लिए कत्ल करवाईये इनका !!
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फिर पवार ने कहा चारा कहाँ से लाएँगे ????
तो राजीव भाई ने कहा भगवान ने इस देश मे व्यवस्था ऐसी की है आप क्यूँ परेशान हैं उसके लिए ???
भगवान की वयवस्था मे आप क्यूँ दखलअंदाजी कर रहे हैं ???
भगवान मे इस देश मे जितनी भी फसल दी है जितनी भी फसलों के बीज दिये हैं ! 1400 किसम की फसले भारत मे होती हैं (गेहूं ,चावल ,जवारी ,उरद ,मूंग आदि आदि ! हरेक फसल के तीन हिस्से है !हरेक पोधे के तीन हिस्से है ऊपर का एक हिस्सा है वो मनुष्यो के लिए है पक्षियो के लिए है !
बीच का एक हिस्सा है वो पशुओ के लिए हैं ! और अंत का जो जड़ वाला हिस्सा है वो धरती माता के लिए है !
प्रकर्ति की बनाई हुई व्यवस्था है इसमे आप क्यूँ परेशान है ????
हिंदुस्तान मे 77 कोटी किसान खेती करते हैं और इनमे से लगभग 60 कोटी किसान ज्वारी पैदा करते हैं ! ज्वारी का बहुत थोड़ा सा हिस्सा मनुष्य के काम आता है ! ज्वारी का पूरा पेड़ आप गिने तो मुश्किल से उसका 10 % हिस्सा मनुष्य के काम आता है ! और बाकी नीचे का 80 से 90 % हिस्सा वो गाय के काम है बैल के काम का है ! भैंस के काम है पशु के काम का है !
तो चारे की कमी कहाँ से आई ????????????
गेहूं की फसल को देख लो ! गेहूं की फसल का 10 % हिस्सा मनुष्य के काम का है बाकी 70 से 85 % गाय के काम है अन्य पशुओ के काम है !
तो चारे की समस्या कहाँ से आई ??????????
गेहूं पैदा हो रहा है ज्वारी पैदा हो रही है ! चावल की फसल का बहुत छोटा सा हिस्सा मनुष्य के काम का है बाकी पशुओ के काम का है
तो चारे की कहाँ कमी है इस देश मे ???
आप क्यू परेशान हैं ????
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फिर पवार का तीसरा कुतर्क !
गाय बूढ़ी हो जाती है तो क्यूँ पालणा ?????
तो राजीव भाई ने कहा हमारी माता भी बूढ़ी हो जाती है उसको क्यूँ पालणा ?????
पवार ने कहा ! माता अलग है गाय अलग है !
राजीव भाई ने कहा मेरे लिए माता और गाय दोनों एक जैसी है ! क्यूंकि बचपन से हमने यही सुना है गाय हमारी माता है ! देश धर्म का नाता है !! तो मेरे लिए माता और गाय दोनों एक सी है !
तो गाय बूढ़ी हो गई इसलिए कत्ल होनी चाहिए तो माता भी बूढ़ी हो गई इस लिए कत्ल होनी चाहिए !
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फिर पवार का आखिरी कुतर्क !!
कि दूध नही देती है तो फोकट मे क्यूँ खिलाने का उसको ???????
तो राजीव भाई ने कहा दूध तो थोड़े दिन के बाद हमारी माता भी नहीं देती है ! हमारी माता तो हमे ज्यादा से ज्यादा 1 साल दूध पिलाती है और ये गौ माता तो जीवन पर्यंत हमको दूध पिलाती है ! इसका स्थान माता से भी ऊंचा है !
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फिर पवार का पूरा दिमाग घूम गया और बोला आपसे बात करना बेकार है !
तो राजीव भाई ने कहा मुझे भी आपसे बात करना बेकार है !
जिस आदमी को इतना नहीं समझता कि गाय को भारत मे घास चारे की कमी नहीं है और बूढ़ी होने पर काट देनी चाहिए ये तो बहुत खतरनाक मानसिकता है ! इससे अच्छे तो अंग्रेज़ थे जो खुलकर कहते थे कि हम तो गाय को काटते है अपने भोजन के लिए !!
लेकिन ये काले अंग्रेज़ तो उनसे भी ज्यादा खतरनाक है जो भारतीयता का लबादा ओढ़े हुये हैं और दिमाग मे पूरी अंग्रेज़ियत भारी हुई है !!
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