Sunday, August 9, 2015

राधे माता साईं के बाद हिन्दू आस्था का व्यापारीकरण का दूसरा भाग

राधे माता का नाम आजकल सुर्खियो में है, हिन्दू समाज के विश्वास और धार्मिक आस्था को तार तार करने वाली इस महिला का असली नाम सुखबिंदर कौर है और इसकी शादी 17 साल की उम्र में मोहन सिंह नाम के आदमी के साथ हुई, क्या आपको पता है ये तथाकथित माता के 6 बच्चे भी है| हा तो बात चल रही थी इनके राधा के अवतार की तो इनका पति इतने बच्चों के जीविका के लिए क़तर चला गया और भारत में सुखविंदर कौर उर्फ़ राधे माँ को आजादी मिल गयी बाबाओ के साथ गोरखधंधा करने की और ये चली आई कई साधू संतो के समागम के बाद मुंबई  और वही इसकी जानपहचान मुंबई के विज्ञापन एजेंसी चलाने वाले गुप्ता परिवार के साथ हो गयी फिर क्या था सुखबिंदर कौर को भी सफलता चाहिए थी और गुप्ता जी की भी विज्ञापन एजेंसी को कुछ काम नहीं मिल रहा था तो उन्होंने अपने मुंबई में खाली पड़े सारे होर्डिंग्स पर विज्ञापन लगवा दिया राधे माँ का और यहाँ से शुरू हुआ धर्म और आस्था को तार तार कर देने वाला गन्दा धंधा|

गुप्ता जी की पहचान कुछ छोटे मोटे एक्टर्स और डायरेक्टर्स के साथ भी था साथ में कुछ “C” ग्रेड की अभिनेत्री जो की फिल्मो में काम न मिलने पर कुछ भी उल्टा सुलटा कर के अपना पेट चलती है सबने मिलके हिन्दू समुदाय को मुर्ख बनाने का महा षड्यंत्र की शुरुआत हुयी और पुरे मुंबई में राधे माँ का पोस्टर, होर्डिंग और बैनर लगाया गया, साथ में वो सारे बॉलीवुड के भांड भी जुड़ गए अपना मोटा हिस्सा कमाने के चक्कर में और इसमें पिस गयी भोली भाली जनता की गाढ़ी कमाई, कुछ हद तक ये षड्यंत्र पैसे के लिए वैसा ही किया गया जैसा की 90 के दशक में साईं के नाम पर किया गया था और ध्यान रहे की चाहे फिल्मो में भगवन को बुरा दिखाना हो या फिर वास्तव में भगवन और देवी देवता के नाम पर लुट मचानी हो, किसी आतंकवादी को समर्थन करना हो या फिर पोर्नोग्राफी का समर्थक करना हो ये फ़िल्मी भांड कभी भी पीछे नहीं रह सकते क्यूंकि इनकी अपनी कोई इज्जत नहीं होती और जिनकी अपनी कोई इज्जत नहीं होती वो दुसरे इज्जत और आस्था के बारे में सोच भी नहीं सकते |
आज भले ही ऋषि कपूर राधा माँ को गाली दे दे के थकते नहीं हो इसकी वजह ये भी हो सकता है की इनको इनका अपना हिस्सा नहीं मिला होगा क्यूंकि कुछ ही महीने पहले इन जनाब ने कहा था की गौमांस पर पाबंदी नहीं लगनी चाहिए और खुद इसी ने स्वीकार किया था की हा मैं भी गौमांस खाया है, फ़िल्मी भांडो के दोगलेपन का सबसे बड़ा उदाहरण की pk फिल्म में हिन्दू आस्था की धज्जिया उड़ने वाला बॉलीवुड राधे माँ की गोदी में बैठ के आशीर्वाद लेता है इस से बड़ा ढोंग क्या हो सकता है ? ये पूरा बॉलीवुड आज कुछ लोगो को छोड़ दिया जाये तो देशद्रोह के कार्य में लगा हुआ है
ED को राधे माता की कुल ११०० करोड़ की संपत्ति का पता चला है .. जिसमें उन्होंने दुबई में पाम जुमैरा में शानदार आठ विला भी लिया है .. मुंबई में कई सारी शॉपिंग कोम्पलेक्स, रिहाइशी बिल्डिंग भी है |

असल में ये सुखबिन्दर कौर एक मानसिक बीमारी से पीड़ित है .. जिसमें व्यक्ति खुद को भगवान मानने लगता है .. और इसका पूरा फायदा मुंबई के बोरीवली स्थित गुप्ता परिवार ने उठाया क्योकि उनका एडवर्टाइजिंग का बिजनस था और जब भी उनको क्लाइंट नही मिलते थे तब वो अपने आउटडोर बोर्ड पर राधे माल के बड़े बड़े पोस्टर लगाते थे ,.. इन्होने कमिशन पर कुछ सेलिब्रिटीज को भी उनका भक्त प्रचारित किया और आमदनी में से उन सेलिब्रिटीज को उनका हिस्सा भी दिया |
ये सच है की भारत का मध्यम वर्ग आज भी ऐसे बाबा, माता और गुरु के चक्कर में फस कर अपनी गाढ़ी कमाई इनपर लुटा देता है ऐसे कई बड़े नाम आपको मिल जायेंगे जैसे सतपाल बाबा , निर्मल बाबा, एक दिल्ली के सतपाल जी महाराज भी है इन्होने भी पुरे दिल्ली के झुग्गी झोपड़ियो में रहने वाले लोगो का खूब खून चूसा है, तो कहने का मतलब ये है की काटजू साहब जो की सुप्रीम कोर्ट में जज थे उन्होंने यूँही नहीं कहा था की भारत के 90% लोग मुर्ख है लोगो को हर २ महीने पर कोई न कोई आके काट जाता है और जनता है की काटने वाले को सर आँखों पर बैठा लेती है, जैसे की सलमान खान जिसे भारत की जनता ने पुरे विश्व में लोकप्रिय बनाया लेकिन उस भांड ने आखिर कर अपनी औकात दिखा दी और आतंकवादी याकूब के फांसी के सवाल पर देश के सुप्रीम कोर्ट तक को झूठा साबित कर दिया और हम है की उसी भाई जान की फिल्म के लिए मरे जा रहे है सही है मूर्खो लगे रहो ऐसी ही भक्ति में


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