Saturday, September 26, 2015

मुस्लिम लॉ बोर्ड की खुली चिट्ठी, ब्राह्मण धर्म इस्लाम के लिए खतरा

लखनऊ। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अब एक खुली चिट्ठी लिखकर ब्राह्मण धर्म और वैदिक संस्कृति को इस्लाम के लिए खतरा बताया। एआईएमपीएलबी मुसलमानों की वह संस्था है जो मुस्लिम कानून और शरीयत से संबंधित मामले देखता है। मौलाना वली रहमानी इसके महासचिव हैं।
इस चिट्ठी में लिखा गया है कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान इमामों को बाकी लोगों के साथ इस बारे में विचार कर आंदोलन के लिए तैयार करना चाहिए।
लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी की ओर से जारी चिटी में योग के साथ ही मुसलमानों को सूर्य नमस्कार करने से भी मना किया गया है। चिट्ठी में लिखा है कि सूर्य नमस्कार सूर्य की पूजा करना है, यह वैदिक सभ्यता और ब्रा±मण धर्म का हिस्सा है। ऎसे में यह हमारे धार्मिक विश्वास के साथ मेल नहीं खाता।
रहमानी ने संगठनों और पदाधिकारियों को लिखे लेटर में कहा है कि उन्हें इस्लाम की शिक्षाओं के बारे में अपने समुदाय के लोगों को जागरूक करते रहना चाहिए। बोर्ड ने योग, सूर्य नमस्कार और वंदे मातरम को प्रमोट करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि यह मुस्लिम विचारधारा के खिलाफ है।
रहमानी की चिटी में दावा किया गया है 21 जून को योग दिवस मनाया गया, क्योंकि उस दिन आरएसएस के आइकन रह चुके कुशु बाली राम हेगड़े का निधन हुआ था। चिटी में लिखा है कि संविधान हमें न सिर्फ अपनी इच्छा से धर्म अपनाने की स्वतंत्रता देता है बल्कि धर्मनिरपेक्ष सरकार की भी बात कहता है।

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