Sunday, July 5, 2015

गलत परम्परा की शुरुआत

नरेंद्र मोदी के सर्वाधिक मजबूत गढ़ "सोशल मीडिया" पर पार्टी के भीतर से ही अबतक का सबसे बड़ा और सफल हमला. हमले में पार्टी के IT CELL गैंग ने निभायी निर्णायक और महत्वपूर्ण भूमिका. केंद्र में सत्तारूढ़ होते ही दिल्ली के "अंधाधुंध" भाजपाई दरबार में कैसे कैसे गधे पंजीरी खा रहे हैं और कैसे कैसे बंदरों के हाथों में किस किस तरह के उस्तरे चमक रहे हैं इसका सर्वाधिक शर्मनाक उदाहरण दो दिन पूर्व सामने आया है. 

वैसे तो मैं इसको काफी समय से पूरी तरह अनदेखा कर रहा था. तटस्थ था और इसपर कुछ भी नहीं लिख रहा था. लेकिन कल जब इनके हौसले इतनी बुलंदी पर पहुंचे की इनकी जयचंदी/विभीषणी फ़ौज़ ने आप और हम जैसे लाखों मोदी समर्थकों को सार्वजनिक रूप से "अयोग्य मूर्खों" की संज्ञा देकर सोशल मीडिया के मंचों पर हमारी आपकी खिल्ली उड़ाना प्रारम्भ की तो मुझे लगा कि अब चुप्पी तोड़नी ही होगी तथा सोशल मीडिया में निस्वार्थ भाव से देशहित में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में अपनी अपनी शैली में अपनी अपनी क्षमतानुसार यथासम्भव योगदान कर रहे लाखों राष्ट्रवादियों की कलम/कीबोर्ड/विचारों का ठेकेदार होने का दावा कर रहे गधों और बंदरों की फ़ौज़ का चेहरा भी बेनकाब करना ही होगा.

दो दिन पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निवास पर उनसे 150 उन लोगों की भेंट करायी गयी जो सोशल मीडिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करते हैं. इन 150 लोगों की लिस्ट तैयार की थी पार्टी के IT CELL ने. यहाँ तक कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था. लिस्ट का पैमाना क्या था, वो कौन लोग थे.? सरीखे प्रश्न भी अप्रासंगिक थे क्योंकि सोशल मीडिया में जिस नेता के करोड़ों प्रशंसक समर्थक हों और उनमे से केवल डेढ़ दो सौ लोगों को चुनना हो तो. जाहिर सी बात है कि बहुत से उन लोगों को धैर्य रखना ही होगा जिनको नहीं चुना गया हो. क्योंकि यदि वो चले जाते तो उनके जैसा कोई और छूट जाता. अतः कौन बुलाया गया किस आधार पर क्यों बुलाया गया सरीखे प्रश्न कोई मायने नहीं रखते.


किन्तु प्रधानमंत्री से मिलने के बाद उन 150 लोगों ने सोशल मीडिया पर जब अपनी मूर्खता धूर्तता और उदण्डता का नंगा नाच शुरू किया तो उपरोक्त सभी प्रश्न अत्यधिक प्रासंगिक हो गए तथा उन 150 लोगों का चयन तथा उन्हें चुनने वाले IT CELL के ठेकेदारों की नीयत और नीति संगीन सवालों के घेरे में आ गयी. प्रधानमंत्री से मिलने के बाद बुरी तरह बौराये उन 150 लोगों ने सोशल मीडिया में ट्विटर और फेसबुक पर खुद का महिमा मंडन#SUPER150 के साथ इस प्रकार करना प्रारम्भ किया मानो केवल वो डेढ़ सौ लोग सुपर हैं शेष करोड़ों समर्थक लुल्ल हैं. किन्तु पार्टी के IT CELL के इन VVIP गुर्गों की मूर्खता धूर्तता और उदण्डता की सुनामी इतने पर ही शांत नहीं हुई. इन लोगों ने उन करोड़ों मोदी समर्थकों को non deserving foolsअर्थात वे "मूर्ख" जो उस भेंट के "योग्य" नहीं थे, कहकर उनपर कीचड़ उछालना/उन्हें अपमानित करना शुरू किया. अपने इन VVIP गुर्गों की इस करतूत/कुकर्म के खिलाफ बोलने के बजाय BJP IT CELL के ठेकेदारों ने शातिर चुप्पी साधे रखी, और झगड़े की आग भड़कने दी. उनकी इस करतूत ने शेष समर्थकों के धैर्य की सारी हदें ध्वस्त कर दी थी अतः जवाब में शुरू हुई जोरदार जूतांजलि से 150 VVIP मूर्खों की फ़ौज़ थर्रा उठा थी. परिणामस्वरूप उसकी तरफ से तत्काल एक फूहड़ और बचकानी सफाई दी गयी कि non deserving fools हम खुद अपने लिए कह रहे हैं. लेकिन देर हो चुकी थी, लकीरें खिंच गयी थीं. और मोदी के सबसे मजबूत गढ़ सोशल मीडिया में सबसे तगड़ा हमला कर उसके समर्थकों को आपस में लड़वा कर मोदी के सबसे मजबूत दुर्ग की दीवारों में दरारे डालने का BJP IT CELL का षड्यंत्र पूरी तरह सफल हो चुका था. इस काम की सुपारी उसे किसने दी.? जाँच इसकी होनी चाहिए. समर्थक अभी भी आपस में जूझ रहे हैं.


अब जानिये उन लोगों को, उनकी कर्मठता कर्तव्य परायणता और दायित्व निर्वहन के सच को जिन्होंने 150 लोगों को मोदी समर्थक होने के प्रमाणपत्र जारी किये थे कि कौन 150 सौ लोग मोदी समर्थक हैं कौन नहीं...
BJP IT CELL के देश भर के ठेकदार हैं अरविन्द गुप्ता. इनकी गिनती अरबपति नेताओं में होती है. ये उसी नईदिल्ली विधानसभा के जोरबाग इलाके में रहते हैं जिस नयी दिल्ली विधानसभा सीट से अरविन्द केजरीवाल 32 हज़ार वोटों से अधिक की प्रचंड शर्मनाक पराजय की कालिख BJP के मुंह पर पोतकर दिल्ली का CM बना है. अब इसके बाद गुप्ता जी की कर्मठता कर्तव्य परायणता और दायित्व निर्वहन के सच के बारे में कुछ कहना बेकार ही है.

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