Thursday, May 28, 2015

पतंजलि के खिलाफ षड्यंत्र के पीछे उत्तराखंड की खान्ग्रेस सरकार

स्‍वामी रामदेव के खिलाफ आज भी जारी है कांग्रेसी साजिशों का दौर, भाई शिकायत करने गया था, पुलिस ने कहा हमने आपको गिरफतार कर लिया

कांग्रेस किस घटियापन पर उतर सकती है, इसे देखना हो तो स्‍वामी रामदेव के साथ रोज-रोज रचे जा रहे कुचक्र को देख लीजिए। कांग्रेस जब केंद्र में थी तो उन पर 1000 से अधिक मुकदमा दर्ज किया गया था। आज उत्‍तराखंड में कांग्रेस है तो वहां उनके शिकायतकर्ता भाई को ही अभियुक्‍त बना कर गिरफतार कर लिया है।

कांग्रेस के दिल्‍ली प्रदेश अध्‍यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल ने कुछ दिन पूर्व ही स्‍वामी रामदेव के खिलाफ जहर उगलते हुए कहा था कि मोदी सरकार ने ब्‍लैकमनी का 15 लाख रुपए मांगने वाली जनता से बाबा रामदेव को बचाने के लिए जेड श्रेणी की सुरक्षा दी है और सच यह है कि पिछले करीब-करीब एक साल से बाबा रामदेव के फूड पार्क पर गुंडे छोड़ दिए गए हैं। उत्‍तराखंड में कांग्रेस के हरीश रावत की सरकार है। कभी पतंजलि योगपीठ के सामने ब्‍लैक मनी के नाम पर धरना कराने की कोशिश की गई तो कभी स्‍थानीय ट्रांसपोर्टरों को बाबा की फैक्‍टरी पर हमला करने के लिए भेज दिया गया। बुधवार को भी स्‍थानीय कांग्रेसी नेताओं के शह पर फूड पार्क पर हमला किया गया, जिसमें एक व्‍यक्ति की जान चली गई और 12 लोग घायल हो गए।

बाबा रामदेव पर दबाव बनाने के लिए स्‍थानीय कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सड़कपर जाम भी लगाया और स्‍वामी रामदेव पर फायरिंग कराने का मनगढंत आरोप भी लगा रहे हैं। मीडिया की हालत तो यह है कि 'आजतक' जैसे चैनल के शब्‍द देखिए, '' गांव वालों ने बाबा रामदेव पर आरोप लागते हुए कहा की बाबा ने गांव वालों पर कई राउंड गोली फायर करवाए।'' न इस खबर की पुष्टि के लिए किसी गांव वाले का नाम दिया गया है और न ही वहां आजतक का रिपोर्टर ही मौजूद था, क्‍योंकि घटना के वक्‍त मैं स्‍वयं हरिद्वार में मौजूद था। घटना के वक्‍त केवल स्‍थानीय ईटीवी का रिपोर्टर मौजूद था। हद हो गई है।

रस्‍सी जल गई लेकिन ऐंठन नहीं गई। कांग्रेस 50 सीट के अंदर सिमट गई है, लेकिन अपनी घटिया हरकतों से बाज नहीं आ रही है और न ही मीडिया ही अपने 2जी व कोलगेट लूट से की गई अय्याशी को ही भूल पा रही है।

बुधवार को बाबा रामदेव के हरिद्वार स्थि‍त पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क पर जिन ट्रक यूनियन के सदस्‍यों ने हमला किया था, उसमें से अधिकांश स्‍थानीय दबंग हैं, जिनका कांग्रेस पार्टी से संबंध हैं। इनकी दबंगई और दादागिरी से पिछले एक साल से पदार्था स्थित फूड पार्क जूझ रहा था। स्‍थानीय पुलिस और प्रशासन से कई बार इसकी शिकायत भी की गई, लेकिन पुलिस ने कभी कोई एक्‍शन नहीं लिया। उल्‍टे इसके लिए दबाव डालती रही कि आपसी समझौता कर लो।

आरोप है कि इन स्‍थानीय ट्रांसपोर्टरों की दादागिरी इतनी बढ गई थी कि वह बाबा की फैक्‍टरी में बाहर के ट्रांसपोर्टरों को माल ढुलाई करने से खुलेआम रोकते थे, स्‍थानीय ट्रक को ही फैक्‍टरी में लगाने और वास्‍तविक किराए से डेढ़ से दो गुणा अधिक किराया देने के लिए कामकाज को ठप कर देते थे। 10 हजार की जगह 20 हजार रुपए किराया मांगते थे। बाहरी ट्रकों को पतंजलि से माल लेकर जाने देने के लिए प्रति ट्रक 300 रुपए हर ट्रिप के हिसाब से हफता वसूले थे और स्‍थानीय पुलिस शिकायत के बावजूद इन पर कोई कार्रवाई नहीं करती थी।

बुधवार को फैक्ट्री पर करीब 200 लोगों के साथ इन स्‍थानीय गुंडों ने हमला कर दिया। कर्मचारियों ने भी अपने बचाव में प्रतिकार किया। प्रत्‍यक्षदर्शियों का कहना है कि इससे उत्‍पन्‍न भगदड़ में एक यूनियन वाले के सिर में चोट लगी, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। लेकिन पुलिस ने इसे फायरिंग में मौत दिखाया है ताकि फूड पार्क के प्रबंधक रामभरत को दबोच कर बाबा रामदेव पर दबाव बना सके। और ऐसा ही हुआ।

यदि फूड पार्क के कर्मचारियों के हमले में यूनियन का व्‍यक्ति मरता तो रामभरत पुलिस से शिकायत की जगह अपने वकीलों से सलाह कर अग्रिम जमानत जैसी कोशिश करते दिखते, न कि आराम से पुलिस को शिकायत दर्ज कराते। वह पुलिस को शिकायत दे रहे थे और पुलिस ने अवैध तरीके से पहले उन्‍हें उठाया और बाद में शिकायतकर्ता को ही अभियुक्‍त बना दिया। रामभरत पर पहले भी एक कर्मचारी के अपहरण का अरोप कांग्रेस सरकार ने लगवाया था, लेकिन बाद में उस कर्मचारी नितिन त्‍यागी व उसके दादा ने मान लिया था कि उसने कांग्रेसी नेताओं के कहने पर यह आरोप लगाए थे।

स्‍थानीय प्रशासन की मिलीभगत पर शक इससे भी गहरा रहा है कि यह फूड पार्क पथरी थाना के अंतर्गत आता है और रामभरत को गिरफ्तार करने रानीपुर थाना से पुलिस आयी थी। रानीपुर थाना पुलिस पहले उनका शिकायत दर्ज करने के नाम पर उन्‍हें ले गई और बाद में शाम में कहा कि आपके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।

वैसे भी ह‍रीश रावत कांग्रेस के उन नेताओं में हैं, जिनका दिन 'सोनिया चालीसा' से शुरू और रात 'राहुल चालीसा' पढकर समाप्‍त होती है। सोनिया-राहुल के विरोधी बाबा के भाई पर हत्‍या का मामला दर्ज कराने पर आज हरीश रावत से मैडम और युवराज बहुत खुश होंगे और कांग्रेसी पूरी जिंदगी इसकी आस में ही तो बिताते हैं।

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